1. ऊँ शं शनैश्चाराय नमः
यह मंत्र शनि देव को प्रसन्न करने के लिए बहुत शक्तिशाली माना जाता है। शनि ग्रह की बाधाओं को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसे 108 बार प्रतिदिन शनिवार को जाप करने से शनि की कुदृष्टि से बचाव होता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
2. ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः
यह भी एक प्रभावी मंत्र है, जिसे विशेष रूप से शनिवार के दिन शनि के दुष्प्रभाव को समाप्त करने के लिए जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप शनि की शुभ दृष्टि प्राप्त करने में मदद करता है और जीवन में चल रही समस्याओं को समाप्त करने में सहायक होता है।
3. **ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
यह मंत्र विशेष रूप से शनि देव के प्रभाव को नष्ट करने के लिए है। यह मंत्र शनि की विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रणाम करता है और उनसे कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करता है। यह मंत्र शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
4. ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये
यह मंत्र शनि देव से समृद्धि की प्राप्ति के लिए जाप किया जाता है। यह मंत्र शनि के शुभ प्रभाव को प्राप्त करने और जीवन में अच्छे परिणामों की प्राप्ति के लिए बहुत प्रभावशाली है। इसे नियमित रूप से जाप करने से दरिद्रता और दुर्भाग्य का अंत होता है।
5. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्
यह शनि के महान त्राटक मंत्र के रूप में प्रसिद्ध है। यह शनि देव की पूजा और जाप के लिए सर्वोत्तम मंत्र है। इस मंत्र का जाप शनि के प्रभाव को सकारात्मक बनाने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन से संकटों को दूर करने में सहायता करता है और शनि की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।

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