न्यूज डेस्क: अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन (China) और भारत (India) जैसे देश सुपरपावर (superpower) बन जाएंगे, वहीं अमेरिका (America) और जर्मनी (Germany) जैसी महाशक्तियां पीछे हो जाएंगी. इसके पीछे बेक्सिट (Brexit) और आपस में तनातनी से लेकर कोरोना की वजह से हो रही परेशानियों को भी वजह माना जा रहा है.
इस बारे में PwC (PricewaterhouseCoopers) ने एक विस्तृत स्टडी की, जिसमें ये देखने की कोशिश थी कि अगले 30 सालों यानी 2050 में इकनॉमिक सुपरपावर में कैसा बदलाव आएगा. स्टडी में कई चौंकानेवाले बातें निकलकर आईं. इसके अनुसार अमेरिका, जापान और जर्मनी तब अपनी जगहों से लुढ़ककर नीचे हो जाएंगे. वहीं चीन और भारत काफी आगे निकल जाएंगे. एक और बात जो निकलकर आई, उसके अनुसार वियतनाम, फिलीपींस और नाइजीरिया जैसे देशों में भी 30 सालों में काफी विकास होगा.
चीन बनेगा नंबर 1
चीन अब भी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जा रहा है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अभी ये और भी आगे निकलेगा. यहां लगातार नए-नए बिजनेस आ रहे हैं और अर्थव्यवस्था को फायदा भी दे रहे हैं. चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में ज्यादातर नए लोग आकर व्यापार शुरू कर रहे हैं. शंघाई में एक बिजनेस कंपनी के एडवाइजर और मूलतः अमेरिका के रहने वाले John Pabon के अनुसार इस शहर में व्यापार के लिए काफी संभावनाएं हैं. हालांकि चीन में बिजनेस के लिए जरूरी है कि व्यापारी को चीन की भाषा आती हो. इसके बिना उन्हें न तो व्यापार में और न ही सोशल सर्कल में मान्यता मिल पाती है.
अमेरिका को पछाड़ेगा।
भारत अभी अर्थव्यवस्था के मामले में तीसरे नंबर पर है लेकिन माना जा रहा है कि अगले 30 सालों में ये अमेरिका को पछाड़कर दूसरे नंबर पर आ जाएगा. यहां पर अभी हर साल जीडीपी में 5% की बढ़ोत्तरी हो रही है, जो इसे सबसे तेजी से आगे निकाल रही है. यही तेजी रही तो 2050 में दुनियाभर की जीडीपी में 15% भारत का होगा. अर्थव्यवस्था में सुधार से यहां के नागरिकों की जीवनशैली भी सुधर रही है लेकिन अब भी महिलाओं के साथ रेप, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसी दिक्कतें हैं.
तकनीक में आगे ब्राजील में विकास
सातवें नंबर पर खड़ा ब्राजील 2050 में जर्मनी को पीछे करते हुए पांचवे नंबर पर होगा. यहां तक जापान और जर्मनी जैसे देश भी इस साउथ अमेरिकन देश से पीछे हो जाएंगे. प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद भ्रष्टाचार और महंगाई यहां अभी बड़ी समस्याएं हैं. साथ ही तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ तालमेल के लिए यहां पर ट्रेड कॉरिडोर, रेल लाइन और सड़क जैसी सुविधाएं भी कुछ कम हैं. वैसे यही देश तकनीकी रूप से काफी समृद्ध भी है. स्मार्टफोन के आने से पहले ही यहां पर Paypal जैसी सुविधाएं रही हैं, जो ATM से जुड़ी होती थीं. 2016 में ये देश मंदी से जूझ रहा था लेकिन अब तेजी से इससे बाहर आता दिख रहा है. यहां पर व्यापार के लिए पुर्तगाली भाषा जानना मदद करता है.
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