न्यूज डेस्क: भारत और चीन के बीच युद्ध होता हैं तो इसमें फाइटर प्लेन का रोल सबसे अहम माना जा रहा हैं। क्यों की इस फाइटर जेट प्लेन से किसी भी इलाके में घुसकर उसे टारगेट किया जा सकता हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे भारत और चीन के फाइटर प्लेन के बारे में। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से।
भारत का फाइटर प्लेन।
ऐसे तो भारत के पास सुखोई, मिराज और मिग जैसे कई फाइटर प्लेन हैं। लेकिन भारत रूस के साथ मिलकर एक ऐसा फाइटर प्लेन बनाया हैं। जिससे चीन की हवा टाइट हो गयी हैं। खबर के मुताबिक सुखोई टी-50 विमान रूस का पांचवीं पीढ़ी का पहला लड़ाकू विमान है। अमेरिका के एफ-35 तथा एफ-22 लड़ाकू विमान और चीन के चेंगदू जे-20 लड़ाकू विमान से सिर्फ इसकी तुलना की जाती है।
आपको बता दें की इस विमान को लेकर रूस ने भारत को कहा है कि वह सुखोई कंपनी से यह विमान कभी भी ले सकते हैं। इस टी-50 के नाम से ही पश्चिमी देशों के साथ साथ चीन के पसीने छूटने लगते हैं।
चीन का फाइटर प्लेन।
खबर के मुताबिक जे-20 चीन का सबसे खतरनाक फाइटर प्लेन हैं। इसे चीन ने खुद तैयार किया हैं। यह प्लेन 2100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। हथियारों के साथ इसका वजन करीब 32 हजार होता है। इसमें एक ही पायलट की जगह है। जे-20 कम और लंबी दूरी की एयर टू एयर मिसाइल दाग सकता है। इसे भी रडार से पकड़ना मुश्किल हैं।
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