खबर के अनुसार पुश्तैनी जमीन के सर्वे के दौरान प्रपत्र 3 (1) में रैयतों को अपनी स्व-घोषित वंशावली देनी होगी। वहीं यदि जमीन रैयत की बहनें हैं, तो उनका नाम वंशावली में शामिल करना अनिवार्य है। इसका पालन सभी को अनिवार्य रूप से करना होगा।
आपको बता दें की पैतृक जमीन के सर्वे के लिए वंशावली का पंजीकरण जरूरी नहीं है। पंचनामा या आपसी सहमति से बनी वंशावली भी मान्य होगी। इसके नाम पर भी जमीन का नया कागज तैयार कर दिया जायेगा। इसको लेकर निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल बिहार में जमीन सर्वे के लिए रैयतों को प्रपत्र 2 और प्रपत्र 3 (1) भरकर जमा करना अनिवार्य है। इन दोनों प्रपत्रों की जानकारी के आधार पर सर्वेयर अमीन, कानूनगो और सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी इसकी जांच करेंगे। इसके बाद प्रपत्र 7 में गजट प्रकाशित किया जाएगा।

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