लेजर हथियारों की खासियतें:
1 .दुश्मन का बचना मुश्किल: लेज़र हथियार अत्यधिक सटीक होते हैं, और एक बार निशाना लगा लेने पर दुश्मन के लिए बचने का कोई तरीका नहीं होता। इन हथियारों से टारगेट की पहचान और नष्ट करना बेहद आसान होता है।
2 .सटीक निशाना: इन हथियारों की सबसे बड़ी ताकत उनकी सटीकता है। लेज़र तकनीक से हमला करने पर, बहुत कम समय में और बिना किसी विस्फोट के दुश्मन को नष्ट किया जा सकता है।
3 .कम ऑपरेशनल कॉस्ट: परंपरागत हथियारों की तुलना में लेज़र हथियारों की ऑपरेशनल कॉस्ट बहुत कम होती है। एक बार सिस्टम तैयार हो जाने के बाद, इसके इस्तेमाल की लागत में काफी कमी आती है, जिससे यह आर्थिक दृष्टि से भी प्रभावी होता है।
4 .कोई आवाज़ या धमाका नहीं: लेज़र हथियारों से कोई भी आवाज़ या धमाका नहीं होता, जिससे दुश्मन को हमले का अनुमान तक नहीं होता। यह उन्हें चौंकाने और अप्रत्याशित रूप से कमजोर करने में मदद करता है।
5 .कई टारगेट्स पर हमला: इन हथियारों की एक और खासियत है कि इन्हें एक साथ कई टारगेट्स पर हमले के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो उन्हें बेहद प्रभावी और त्वरित बनाता है।
भारत के लेज़र हथियारों से जुड़ी कुछ और खास बातें:
1 .रेंज को बढ़ाना: DRDO द्वारा विकसित किए जा रहे इन लेज़र हथियारों की रेंज को पहले 6-8 किलोमीटर तक बढ़ाया जाएगा, और फिर अगले चरण में इसे 20 किलोमीटर तक बढ़ाने की योजना है। यह रेंज बढ़ने से भारत की सुरक्षा और अधिक सशक्त होगी, खासकर जब यह चीन और पाकिस्तान जैसे देशों से सटे क्षेत्रों में तैनात किए जाएंगे।
2 .मिसाइल नष्ट करने की क्षमता: भारतीय सेना को लेज़र हथियारों की मदद से किसी एक मिसाइल को नष्ट करने के लिए कम से कम 500 किलोवॉट की ताकत की आवश्यकता होगी। यह क्षमता भारत को दुश्मन की मिसाइलों को निशाने पर लेकर जल्दी और प्रभावी तरीके से नष्ट करने में सक्षम बनाएगी।
3 .सुरक्षा में होगी वृद्धि: जब यह लेज़र हथियार पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएंगे, तो भारत की सैन्य ताकत में भी एक नया आयाम जुड़ जाएगा। यह पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के खिलाफ सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन हथियारों की मदद से, भारतीय सेना शत्रु के द्वारा की जाने वाली कई तरह की हमलों को न केवल नाकाम कर सकेगी, बल्कि उन पर पलटवार भी कर सकेगी।

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