यूपी में इन कर्मचारियों का रुकेगा वेतन, सख्त आदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सख्त आदेश जारी किया है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे 2024 तक की अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा विवरण 31 जनवरी 2025 तक प्रस्तुत करें। अगर कोई कर्मचारी इस समय सीमा तक अपना संपत्ति विवरण ऑनलाइन नहीं जमा करता है, तो 1 फरवरी 2025 से उनका वेतन रोक दिया जाएगा।

बता दें की यह कदम राज्य सरकार द्वारा सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है। राज्य सरकार की कोशिश है कि सरकारी कर्मचारियों के संपत्ति विवरण की जांच की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी कर्मचारी अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके अवैध संपत्ति न जमा कर रहा हो।

मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन विवरण जमा करें

सभी सरकारी कर्मचारियों को अब मानव संपदा पोर्टल (Human Property Portal) पर लॉगिन करके अपनी संपत्ति का पूरा विवरण ऑनलाइन जमा करना होगा। इस पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों की संपत्ति की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। यह प्रक्रिया राज्य सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का हिस्सा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से संपत्ति न जमा की जाए।

वेतन रोकने के अलावा, अन्य सख्त कदम उठाए जा सकते हैं

अगर कोई कर्मचारी निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना संपत्ति विवरण नहीं प्रस्तुत करता है, तो उनके वेतन को रोकने के अलावा, उनके संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का कहना है कि यह कदम सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कदम सरकारी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। सरकारी कर्मचारियों द्वारा अपनी संपत्ति का सही तरीके से विवरण देने से न केवल सरकारी तंत्र की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि यह सुनिश्चित भी होगा कि कोई कर्मचारी या अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त न हो। साथ ही, यह कदम यह भी दिखाता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों की संपत्ति का सही तरीके से आकलन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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