यूपी में आउटसोर्सिंग महिला कर्मियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आउटसोर्स कर्मियों के लिए एक ऐतिहासिक और अहम फैसला लिया है। अब यूपी में आउटसोर्सिंग महिला कर्मियों को 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा। यह कदम राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती और उनके अधिकारों को लेकर बनाई जा रही नई नीति का हिस्सा है। इस निर्णय से न केवल महिला कर्मियों के लिए राहत का मार्ग खुलेगा, बल्कि यह उनके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लेकर आएगा।

मातृत्व अवकाश का प्रावधान

नई नीति के तहत, आउटसोर्स महिला कर्मियों को दो बच्चे पैदा होने पर 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा। इस अवकाश के दौरान उनका वेतन भी कटेगा नहीं, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से कोई परेशानी नहीं होगी। यह कदम महिलाओं के मातृत्व के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है और उनके काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा।

बीमारियों के लिए विशेष छुट्टियां

मातृत्व अवकाश के अलावा, नई नीति में बीमारियों और असाध्य रोगों से पीड़ित महिला कर्मियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। अगर किसी महिला कर्मी को गंभीर बीमारी होती है, तो उन्हें 91 दिन तक 70% भुगतानयुक्त छुट्टी दी जाएगी। वहीं, असाध्य रोगों के लिए यह अवधि 124 से 309 दिन तक हो सकती है, और इन छुट्टियों के दौरान 80% वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस पहल से महिला कर्मियों को लंबे समय तक इलाज और स्वस्थ होने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।

मिसकैरेज की स्थिति में छुट्टियां

एक और अहम प्रावधान के तहत, मिसकैरेज होने की स्थिति में महिला कर्मियों को 42 दिन की छुट्टी दी जाएगी। यह निर्णय महिला कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि वे जल्दी से ठीक हो सकें और अपने काम में वापस लौट सकें। इस छुट्टी के दौरान भी वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी, जिससे महिला कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

ईएसआई से इलाज की सुविधा

इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि महिला कर्मियों और उनके परिवार को ईएसआई (Employees' State Insurance) से इलाज की सुविधा भी प्राप्त होगी। इस कदम से राज्य में आउटसोर्स कर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, और उनके इलाज का खर्च भी कम होगा।

महिलाओं के अधिकारों में सुधार

यह निर्णय न केवल यूपी में महिला कर्मियों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि यह राज्य सरकार के महिला सशक्तिकरण के प्रति ठोस कदम भी है। मातृत्व अवकाश, बीमारियों के लिए विशेष छुट्टियां और स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा देने के साथ, सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि महिलाएं अपने व्यक्तिगत जीवन और करियर को बिना किसी असुविधा के संतुलित कर सकें।

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