यूपी में कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल से लागू होंगे नए नियम

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत कर्मचारियों के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता और कार्यों में बेहतर निगरानी की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अब से सभी सरकारी कर्मचारी अपनी वार्षिक प्रवृत्ति रिपोर्ट (एपीआर), वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) भरने, और छुट्टी के लिए इसी पोर्टल का उपयोग करेंगे।

मानव संपदा पोर्टल का महत्व

मानव संपदा पोर्टल एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे कर्मचारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर डेटा को प्रबंधित करने के लिए विकसित किया गया है। यह पोर्टल कर्मचारियों की कार्यक्षमता, छुट्टियों, ट्रेनिंग, प्रमोशन, और अन्य प्रशासनिक कार्यों को एक जगह पर ट्रैक करने में मदद करेगा। इस पोर्टल के माध्यम से कर्मचारियों के कामकाजी जीवन को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

प्रशासनिक पारदर्शिता में वृद्धि

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के आदेश के तहत, उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ाना है। मानव संपदा पोर्टल कर्मचारियों के कार्यों की निगरानी को आसान बनाएगा, जिससे सभी कार्य रिकॉर्ड और डेटा के रूप में सुरक्षित रहेंगे। इससे सरकार को कर्मचारियों की कार्यक्षमता और प्रदर्शन की सही जानकारी मिल सकेगी, और भ्रष्टाचार या किसी भी तरह की अनियमितताओं से बचाव होगा।

कर्मचारियों के लिए क्या बदलाव होंगे?

1 .एपीआर और एसीआर भरने की प्रक्रिया डिजिटल होगी: अब से कर्मचारी अपनी वार्षिक प्रवृत्ति रिपोर्ट (एपीआर) और वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) को ऑनलाइन ही भर सकेंगे, जो पहले फिजिकल रूप से भरनी होती थीं। इस डिजिटल प्रक्रिया से पारदर्शिता और समय की बचत होगी।

2 .छुट्टियों का आवेदन भी डिजिटल ऑनलाइन के द्वारा होगा: कर्मचारी छुट्टियों के लिए भी अब से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से आवेदन करेंगे, जिससे छुट्टियों की स्वीकृति और रिकॉर्ड ट्रैक करना आसान हो जाएगा।

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