अभियान का उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस विशेष अभियान के तहत कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। उनका मुख्य ध्यान इस बात पर है कि अवैध ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा की संख्या में कमी लाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए। इस अभियान के दौरान, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वाहन चालक का वेरीफिकेशन ठीक से हुआ हो, नाबालिगों द्वारा वाहन न चलाए जाएं और ओवरलोडिंग को पूरी तरह से रोका जाए।
अभियान का क्रियान्वयन
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और एसएसपी/एसपी को पत्र लिखकर इस अभियान की जानकारी दी। पत्र में उल्लेख किया गया है कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक परिवहन विभाग और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से इस अभियान को चलाएंगे। इसमें अवैध और अपंजीकृत ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और उन्हें रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
नाबालिगों की रोकथाम और ओवरलोडिंग
इस अभियान के दौरान, सबसे महत्वपूर्ण बात यह होगी कि नाबालिगों को वाहन चलाने से रोका जाए। नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने से सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है, इसलिए इसे एक प्राथमिकता माना जाएगा। साथ ही, ओवरलोडिंग की समस्या को खत्म करने के लिए सख्त उपाय किए जाएंगे। ओवरलोडिंग न केवल यात्री सुरक्षा के लिए खतरनाक होती है, बल्कि यह वाहन की उम्र को भी घटाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है।
पुलिस और परिवहन विभाग का सहयोग
इस अभियान की सफलता के लिए पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच अच्छे सहयोग की आवश्यकता होगी। जिलों में गठित टास्क फोर्स में परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा, ताकि कार्रवाई और निरीक्षण सुचारू रूप से हो सके। पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अवैध वाहनों के खिलाफ जांच और कार्रवाई में पूरा सहयोग करें।
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