यूपी में हर खेत को पानी, सिंचाई के लिए 90% तक की सब्सिडी!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसानों की सिंचाई के लिए अब एक नई क्रांति आ रही है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' (Per Drop More Crop) योजना को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे सिंचाई के बेहतर प्रबंधन के जरिए किसानों की आय को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल का उद्देश्य केवल पानी की बचत करना नहीं, बल्कि किसानों को अत्याधुनिक सिंचाई प्रणालियों से सशक्त बनाना भी है। इसके तहत सरकार ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी दक्ष सिंचाई प्रणालियों पर 80 से 90 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है, जिससे लाखों किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

ड्रिप और स्प्रिंकलर से होंगे कई फायदे:

ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई विधियों के प्रयोग से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि यह भूमि के लिए भी फायदेमंद है। पारंपरिक सिंचाई विधियों में पानी खेतों में भरकर फसलों तक पहुंचता था, जिससे काफी पानी बर्बाद होता था और यह भूमि के लिए हानिकारक भी था। वहीं, ड्रिप और स्प्रिंकलर विधियों में पानी सीधी जरूरत वाले स्थानों तक पहुंचता है, जिससे पानी की बर्बादी कम होती है।

इन विधियों से जहां एक ओर पानी बचता है, वहीं दूसरी ओर बिजली की बचत भी होती है, क्योंकि इन प्रणालियों में भूगर्भ जल को ऊपर खींचने के लिए ज्यादा ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती। असमतल भूमि पर भी इन प्रणालियों का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती। इसके अलावा, पानी की उचित आपूर्ति के कारण फसलों का अंकुरण और बढ़वार भी अच्छी होती है, जो किसानों के लिए अतिरिक्त लाभकारी साबित होता है।

इजराइल का सहयोग लिया जा रहा है:

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए इजराइल सरकार से भी सहयोग लिया है। इजराइल, जो कि कृषि क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध है, के अनुभवों का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इजराइली राजदूत से मुलाकात की थी। इजराइल के आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ लेने के लिए प्रदेश में कुछ 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' (CoE) की स्थापना की जा रही है, जो इस मॉडल को प्रदेश में लागू करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

बुंदेलखंड पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं:

उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र पानी की गंभीर कमी का सामना कर रहा है। यहां की भूमि में पानी की भारी कमी है, और पारंपरिक सिंचाई विधियां कारगर नहीं हो पा रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने बुंदेलखंड में विशेष ध्यान केंद्रित किया है। यहां पर तीन प्रमुख स्प्रिंकलर परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है - मसगांव चिल्ली (हमीरपुर), कुलपहाड़ (महोबा) और शहजाद (ललितपुर)। इन परियोजनाओं के माध्यम से किसानों को कम पानी में अधिक रकबे की सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी।

खेत-तालाब योजना और भविष्य की योजनाएं

योगी सरकार ने खेत-तालाब योजना के तहत तालाबों का निर्माण कर इन तालाबों को स्प्रिंकलर सिंचाई से जोड़ने की योजना बनाई है। इससे पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलेगा। भविष्य में अधिक परियोजनाओं को स्प्रिंकलर से जोड़ने की योजना है, जिससे उत्तर प्रदेश के किसानों को अधिक सिंचाई सुविधाएं मिल सकेंगी और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।

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