भारत की GDP में 105% की वृद्धि:
2015 में भारत की GDP 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जो अब बढ़कर 4.3 ट्रिलियन डॉलर हो चुकी है। यह वृद्धि न केवल भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाता है कि मोदी सरकार के सुधारात्मक कदम और विकास योजनाएं कितनी प्रभावी रही हैं। IMF के अनुसार, अगर इस दर से वृद्धि जारी रहती है, तो भारत 2025 की तीसरी तिमाही तक जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जापान की GDP वर्तमान में 4.4 ट्रिलियन डॉलर है।
2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी
भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह ट्रेंड जारी रहता है, तो भारत 2032 तक 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन सकता है। इसका मतलब है कि हर 1.5 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था में 1 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि हो रही है। यह एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व वृद्धि होगी, जो न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक मिसाल पेश करेगी।
भारत का प्रदर्शन वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर
भारत ने वैश्विक आर्थिक शक्तियों जैसे अमेरिका, चीन, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए अपनी अर्थव्यवस्था में जबरदस्त सुधार किया है। इन देशों के मुकाबले, भारत की GDP में वृद्धि दर बहुत अधिक रही है। उदाहरण के लिए, जबकि भारत की GDP पिछले दशक में 105% बढ़ी है, चीन की वृद्धि दर 76%, अमेरिका की 66%, जर्मनी की 44%, फ्रांस की 38%, और ब्रिटेन की 28% रही है। यह भारत के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि मोदी सरकार की नीतियां और आर्थिक सुधार सही दिशा में जा रहे हैं।
भारत का कर्ज: यहां भी मजबूत स्थिति में भारत
जहां तक कर्ज की बात है, भारत इस मामले में भी मजबूती से खड़ा है। अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारत का कर्ज काफी कम है। मार्च 2025 तक अमेरिका का कर्ज 36.22 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि चीन का कर्ज 2.52 ट्रिलियन डॉलर है। वहीं, भारत का कर्ज केवल 712 बिलियन डॉलर है। यह दर्शाता है कि भारत ने अपनी आर्थिक स्थिति को बहुत मजबूत किया है और आर्थिक सुधारों के साथ-साथ कर्ज प्रबंधन में भी सफलता प्राप्त की है।
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