मंत्री पांडेय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं का चयन ग्राम सभा के माध्यम से किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित पंचायतों के मुखिया को दी गई है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में चयन की प्रक्रिया में स्थानीय वार्ड पार्षदों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
बता दें की इस बहाली के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 21,009 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा, जबकि शहरी क्षेत्रों के लिए 5,316 आशा कार्यकर्ता नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा, 1,050 आशा फैसिलिटेटरों की भी नियुक्ति की जाएगी, जो कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन और समन्वय का कार्य संभालेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की अंतिम कड़ी हैं, बल्कि ग्रामीण व शहरी समुदायों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में उनकी भूमिका अहम है।
सरकार की योजना है कि यह पूरी चयन प्रक्रिया अगले तीन महीनों में पारदर्शी तरीके से पूरी कर ली जाए, जिससे नवनियुक्त आशा कार्यकर्ता जल्द से जल्द अपने कार्यक्षेत्र में सक्रिय हो सकें। यह बहाली न केवल राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करेगी, बल्कि हजारों महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर भी लेकर आएगी।
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