विभाग का रवैया कठोर, कर्मचारियों में रोष
अचानक हुई इस छंटनी ने कर्मचारियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। सिरौलीगौसपुर विद्युत स्टेशन पर छह वर्षों से कार्यरत एक कर्मचारी ने कहा, “मैंने जीवन के कीमती साल इस विभाग को दिए, अब जब सबसे ज्यादा जरूरत है, तब हमें बेसहारा छोड़ दिया गया। घर कैसे चलेगा, ये समझ नहीं आ रहा।”
एक अन्य कर्मचारी ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि उनके छोटे-छोटे बच्चों की स्कूल फीस और घर का खर्च अधर में लटक गया है। विभाग की इस बेरुखी ने न केवल उनकी आजीविका छीनी है, बल्कि आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाई है।
फरवरी में भी हुई थी बड़ी छंटनी
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब विभाग ने संविदा कर्मचारियों को हटाया हो। इससे पहले फरवरी 2025 में भी आयु सीमा का हवाला देते हुए 450 से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया था। अब एक बार फिर बिना नोटिस और वेतन के निकाले गए कर्मचारियों में विभाग के खिलाफ गहरा आक्रोश है।
कोई जवाबदेही नहीं
विभाग की ओर से इस अचानक की गई कार्रवाई पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। न ही बकाया वेतन को लेकर कोई समयसीमा तय की गई है। इससे कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना और अधिक गहराती जा रही है।
0 comments:
Post a Comment