यूपी में संविदा कर्मचारियों की छंटनी: बिना नोटिस!

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में विद्युत वितरण खंड के अंतर्गत कार्यरत 183 संविदा कर्मचारियों को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इन कर्मचारियों को न तो कोई पूर्व सूचना दी गई और न ही उन्हें दो महीने का बकाया वेतन मिला है। यह कार्रवाई जिले के फतेहपुर, रामनगर, हैदरगढ़, रामसनेहीघाट और सिरौलीगौसपुर डिवीजनों में की गई है।

विभाग का रवैया कठोर, कर्मचारियों में रोष

अचानक हुई इस छंटनी ने कर्मचारियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। सिरौलीगौसपुर विद्युत स्टेशन पर छह वर्षों से कार्यरत एक कर्मचारी ने कहा, “मैंने जीवन के कीमती साल इस विभाग को दिए, अब जब सबसे ज्यादा जरूरत है, तब हमें बेसहारा छोड़ दिया गया। घर कैसे चलेगा, ये समझ नहीं आ रहा।”

एक अन्य कर्मचारी ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि उनके छोटे-छोटे बच्चों की स्कूल फीस और घर का खर्च अधर में लटक गया है। विभाग की इस बेरुखी ने न केवल उनकी आजीविका छीनी है, बल्कि आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंचाई है।

फरवरी में भी हुई थी बड़ी छंटनी

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब विभाग ने संविदा कर्मचारियों को हटाया हो। इससे पहले फरवरी 2025 में भी आयु सीमा का हवाला देते हुए 450 से अधिक कर्मचारियों को हटा दिया गया था। अब एक बार फिर बिना नोटिस और वेतन के निकाले गए कर्मचारियों में विभाग के खिलाफ गहरा आक्रोश है।

कोई जवाबदेही नहीं

विभाग की ओर से इस अचानक की गई कार्रवाई पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। न ही बकाया वेतन को लेकर कोई समयसीमा तय की गई है। इससे कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना और अधिक गहराती जा रही है।

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