शिक्षकों की जरूरत के अनुसार बनेगी सूची
अब तक स्कूलों में केवल यह जानकारी दी जाती थी कि कितने पद रिक्त हैं — जैसे कि किसी स्कूल में तीन या चार पद खाली हैं। लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं होता था कि इन पदों पर महिला, पुरुष या दिव्यांग शिक्षकों की कितनी आवश्यकता है। इस वजह से पोस्टिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी देखी जा रही थी। नई प्रणाली के तहत प्रत्येक स्कूल को यह स्पष्ट करना होगा कि वहां पहले से कितने महिला, पुरुष और दिव्यांग शिक्षक कार्यरत हैं और आगे कितनी आवश्यकता है। यह जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, जिससे जिला स्तर पर वर्गीकृत रिक्तियों की सूची तैयार की जा सकेगी।
नया पोर्टल तैयार, जिलों को मिले निर्देश
विभाग ने इस प्रक्रिया के लिए एक नया पोर्टल भी विकसित किया है। सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीनस्थ स्कूलों की आवश्यकताओं के अनुसार महिला, पुरुष और दिव्यांग शिक्षकों की स्कूलवार सूची तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करें। मुजफ्फरपुर सहित सभी जिलों में इस कार्य की शुरुआत कर दी गई है।
महिला और दिव्यांगों को पास के स्कूलों में प्राथमिकता
इस प्रक्रिया में एक और बड़ा बदलाव यह किया गया है कि महिला और दिव्यांग अभ्यर्थियों को उनके निवास स्थान के नजदीक स्कूलों में पोस्टिंग देने की प्राथमिकता दी जाएगी। इससे इन वर्गों के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
शहरी स्कूलों में नहीं होगी पोस्टिंग
हालांकि, टीआरई-3 के अंतर्गत चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में नहीं की जाएगी। विभाग ने पहले ही शहरी क्षेत्र की रिक्तियों को पोर्टल पर लॉक कर दिया है। यानी टीआरई-3 के तहत केवल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ही शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।
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