कॉर्पोरेशन के चेयरमैन द्वारा मंगलवार को लखनऊ में आयोजित एक समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किए गए। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता को बढ़ावा देने और उपभोक्ताओं की तरह कर्मचारियों की भी बिजली खपत को रिकॉर्ड में लाने के लिए यह जरूरी कदम है। यह भी स्पष्ट किया गया कि सभी कर्मचारी संगठनों की सहमति के बाद ही यह निर्णय लिया गया है।
स्मार्ट मीटर से बढ़ेगी जवाबदेही
बैठक के दौरान चेयरमैन ने कहा, "जितनी बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही है, उतना ही राजस्व वसूलना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा कि वसूली के लक्ष्य को पूरा न करने वाले अधिकारियों की पहचान की जाएगी और उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी दफ्तरों में भी स्मार्ट मीटरिंग होगी तेज
कॉर्पोरेशन अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिया कि सभी सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उनका मानना है कि इससे न केवल बिजली के दुरुपयोग पर रोक लगेगी, बल्कि राजस्व संग्रहण भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सकेगा।
गर्मियों में आपूर्ति को लेकर विशेष सतर्कता के निर्देश
गर्मियों के मौसम को ध्यान में रखते हुए चेयरमैन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न आए और किसी भी तरह की कटौती से पहले उपभोक्ताओं को समय रहते सूचित किया जाए। चिनहट क्षेत्र में बार-बार हो रही बिजली कटौती पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों से जवाब भी मांगा है।
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