11,113 किमी/घंटा की रफ्तार
LRAShM की सबसे खास बात इसकी गति है। यह मिसाइल 11,113 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकती है — यानी लगभग 1 सेकंड में 3 किलोमीटर का सफर तय करती है। इतनी तेज रफ्तार पर किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे ट्रैक करना और नष्ट करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। यही कारण है कि इसे 'गेमचेंजर' हथियार माना जा रहा है।
बदलती दिशा, बढ़ती मुश्किलें
बता दें की इस हाइपरसोनिक मिसाइल की मेनुवरिंग कैपेसिटी यानी उड़ान के दौरान दिशा बदलने की क्षमता इसे और भी खतरनाक बनाती है। दुश्मन के रडार और इंटरसेप्टर इसे पकड़ नहीं पाते, जिससे यह सीधे अपने लक्ष्य पर सटीक वार करती है।
1500+ किलोमीटर तक मारक क्षमता
LRAShM की रेंज इस पर निर्भर करती है कि यह कितना भार लेकर जा रही है। अगर मिसाइल में लोड हल्का होगा, तो इसकी रेंज 1500 किलोमीटर से अधिक हो सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि भारत बिना सीमा पार किए भी दुश्मन के जहाजों और सामरिक ठिकानों को नेस्तनाबूद कर सकता है।
नवंबर 2024 में परीक्षण, अब नया इंजन भी तैयार
इस मिसाइल का पहला परीक्षण नवंबर 2024 में सफलतापूर्वक किया गया था। इसके बाद एक नए और अधिक शक्तिशाली इंजन के साथ इसका उन्नत संस्करण भी टेस्ट किया जा चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नया इंजन LRAShM की गति और स्थिरता दोनों को और बेहतर बना देगा।
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