न्यूज डेस्क: तबलीग-ए-जमात के मरकज़ में आयोजित धार्मिक समारोह में शामिल होने के बाद अलग-अलग राज्यों से कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के मामले सामने आए हैं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) से रिपोर्ट मांगी है. सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय तबलीगी जमात से जुड़े इंडोनेशिया के 800 मौलानाओं को ब्लैक लिस्ट कर सकती है, यानी उन्हें अब आगे से भारत आने के लिए वीजा नहीं मिलेगा.
गृह मंत्रालय का कहना है कि मरकज में शामिल हुए कई विदेशियों को वीजा देने के मामले में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार वीजा नियमों में धार्मिक प्रचार प्रसार, धार्मिक भाषण देना आदि में भाग लेने की पाबंदी होती है. ऐसे में सरकार इन सभी विदेशी धर्मप्रचारकों पर आजीवन प्रतिबंध लगा सकती है.
सरकारी सूत्र ने ये भी बताया कि ये मौलाना समूहों में तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा पहुंचे थे. वहां की मस्जिदों और कई मीटिंग में इन लोगों ने हिस्सा भी लिया था. ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका और ज्यादा हो गई है.
एक अधिकारी ने बताया, 'तेलंगाना में सामने आने वाले कोविड-19 के लगभग 50 फीसदी केस के तार निजामुद्दीन के मरकज़ से जुड़े हैं. यानी संक्रमित हुए लोगों में ज्यादातर मरकज़ में शामिल हुए थे या फिर इसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे.'
कब आयोजित हुआ था कार्यक्रम?
बता दें कि दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज़ में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान सहित 2,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने 15 से 18 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लिया था. कोरोना वायरस के चलते मरकज़ से अब तक कुल 860 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया जा चुका है. वहीं अभी 300 और लोगों को निकाल कर अस्पताल ले जाया जाएगा.
क्या कहता है मरकज़?
उधर, निजामुद्दीन मरकज़ के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद शोएब ने कहा, 'हमने प्रशासन को नामों की लिस्ट दे दी है, जिन्हें धार्मिक समारोह के दौरान सर्दी जुकाम और खांसी की परेशानी थी. कुछ लोगों को उम्र और ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.'
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