पैतृक संपत्ति पर दावे के लिए मिलता है कितना समय?

नई दिल्ली: भारत में संपत्ति को लेकर कई तरह के नियम कानून बनाये गए हैं। इस नियम कानून के बारे में लोगों को सही जानकारी होनी चाहिए, ताकि लोग किसी भी संपत्ति पर समय रहते अपने हिस्से का दावा कर सकें और उसे संपत्ति में अधिकार मिल सके। 

पुश्तैनी संपत्ति क्या हैं?

पैतृक संपत्ति वह संपत्ति है जो हिंदू परिवार को अपने पिता, दादा या परदादा से जन्म से विरासत में मिलती है। इस संपत्ति पर किसी व्यक्ति का जन्म से अधिकार होता हैं। बता दें की बेटी भी अपने पिता की पुश्तैनी जमीन में हिस्से का दावा कर सकती हैं, चाहें उसकी शादी ही कोई न हो गई हो। 

पैतृक संपत्ति पर दावे के लिए मिलता है कितना समय?

पैतृक संपत्ति पर दावा करने की समय सीमा लगभग 12 वर्ष की होती है। अगर आपके पास कोई पुश्तैनी संपत्ति हैं तो आपको 12 वर्ष तक दावा का अधिकार मिलेगा। उसके बाद तक अगर आप उस संपत्ति पर दावा नहीं करते हैं तो आपका अधिकार छीन सकता हैं। हालांकि, यदि दावे में देरी करने का कोई वैध कारण है, तो न्यायालय आपके अनुरोध को स्वीकार कर सकती हैं।

वहीं, यदि कोई व्यक्ति 12 साल तक लगातार किसी संपत्ति पर कब्जा रखता है और इस दौरान मूल मालिक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करता, तो कब्जा करने वाले को उस संपत्ति पर कानूनी अधिकार मिल जाता है। इसलिए क़ानूनी उत्तराधिकारी को समय रहते जमीन पर दावा कर देनी चाहिए।

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