डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 मार्च 2025 को ग्राम पंचायत स्तर पर 22,700 डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के आदेश दिए थे। पहले चरण में 11,350 लाइब्रेरी बनाने के लिए बजट आवंटित किया गया है। हर ग्राम पंचायत में बनने वाली डिजिटल लाइब्रेरी के लिए 4 लाख रुपये का बजट तय किया गया है, जिसमें से 2 लाख रुपये डिजिटल उपकरण जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर और इंटरनेट कनेक्टिविटी पर खर्च होंगे, जबकि बाकी की राशि किताबों और ई-पुस्तकें जैसे डिजिटल सामग्री पर खर्च की जाएगी।
लाइब्रेरी में उपलब्ध सुविधाएं
इन डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाली शैक्षिक सामग्री प्रदान करना है। लाइब्रेरी में न केवल सामान्य पुस्तकें, बल्कि डिजिटल पठन सामग्री जैसे ई-पुस्तकें, आडियो और वीडियो लेक्चर भी उपलब्ध होंगे। विशेष रूप से बच्चों के लिए इंटरएक्टिव टूल्स जैसे प्रश्नोत्तरी से जुड़े वीडियो, आडियो लेक्चर और अन्य डिजिटल संसाधन होंगे, जो उनके सीखने की प्रक्रिया को और अधिक आकर्षक और प्रभावशाली बनाएंगे।
इसके साथ ही, लाइब्रेरी में इंटरनेट की सुविधा भी होगी, जो बच्चों और युवाओं को ऑनलाइन अध्ययन और शोध करने के अवसर प्रदान करेगा। इस प्रकार, यह लाइब्रेरी बच्चों और विद्यार्थियों के लिए एक ऑनलाइन शिक्षा केंद्र के रूप में कार्य करेगी।
ग्राम प्रधान और सचिव की जिम्मेदारी
इन डिजिटल लाइब्रेरी की देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव को दी गई है। उनका मुख्य कार्य इन लाइब्रेरी का नियमित संचालन सुनिश्चित करना, नए संसाधन जोड़ना और ग्रामीणों को इन संसाधनों के उपयोग के बारे में जागरूक करना होगा।
जिलाधिकारियों की भूमिका
पंचायती राज विभाग द्वारा सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजा गया है, जिसमें उन्हें अपने जिलों में ग्राम पंचायतों के पंचायत भवनों में डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधिकारियों की निगरानी में पहले चरण में 11,350 डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कार्य शीघ्र पूरा करने की योजना है। इसके बाद दूसरे चरण में बाकी बची हुई लाइब्रेरी का निर्माण होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का नया युग
यह पहल न केवल बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा के नए अवसर खोलेगी, बल्कि यह डिजिटल साक्षरता को भी बढ़ावा देगी। इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी डिजिटल दुनिया से जुड़ेंगे और उन्हें नई तकनीकी जानकारी मिल सकेगी। यही नहीं, ये लाइब्रेरी ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी प्रदान करेंगी, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे।
इस तरह की डिजिटल पहल से न केवल शिक्षा क्षेत्र में बदलाव आएगा, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था और समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव लाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी साक्षरता और सूचना के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ेगा, जो भविष्य में गांवों के विकास की कुंजी साबित होगा।
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