यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को लेकर बड़ा फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक राहत की खबर आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बहुवर्षीय टैरिफ वितरण नियमन-2025 को मंजूरी देते हुए दिन और रात के अलग-अलग बिजली दरों को लागू करने का प्रस्ताव हटा दिया है। यह निर्णय प्रदेश के लाखों बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत का कारण बन सकता है, क्योंकि अब तक की योजनाओं में दिन और रात के लिए अलग-अलग बिजली दरें लागू करने का प्रस्ताव था, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ सकता था।

प्रस्ताव को हटाने की वजह

गुरुवार को विद्युत नियामक आयोग ने जब नियमन को मंजूरी दी, तो उसमें दिन-रात के अलग-अलग टैरिफ को खत्म कर दिया गया। इससे पहले यह प्रस्ताव था कि प्रदेश में बिजली की दरें दिन और रात के वक्त के आधार पर अलग-अलग होंगी। यह बदलाव पावर कॉरपोरेशन द्वारा किया गया था, जो इस प्रस्ताव के तहत रात में बिजली का उपयोग करने वालों से कम और दिन में बिजली के अधिक उपयोग पर अधिक शुल्क लेने का विचार कर रहा था।

निजीकरण का प्रस्ताव

इसके साथ ही, विद्युत नियामक आयोग ने भविष्य में निजीकरण के प्रस्ताव पर भी विचार किया था, लेकिन इसे मंजूरी नहीं दी गई है। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि आयोग ने भविष्य में निजीकरण के मुद्दे पर तत्काल कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन पावर कॉरपोरेशन के निजीकरण की मौजूदा प्रक्रिया पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

बिजली दरों में बदलाव की संभावना

नियमन में बिजली दरों की गणना के तरीकों में बदलाव किए जाने का प्रस्ताव था, जिससे भविष्य में बिजली दरों के बढ़ने का रास्ता खुल सकता है। हालांकि, इसका तत्काल असर नहीं होने की संभावना जताई जा रही है। आयोग का मानना है कि यह बदलाव लंबी अवधि में प्रभावी हो सकता है, जब पावर कॉरपोरेशन की आर्थिक स्थिति और बाजार की परिस्थिति में कोई बदलाव आएगा।

उपभोक्ताओं के लिए राहत

इस निर्णय से सबसे बड़ी राहत यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को मिली है। क्योंकि दिन और रात के अलग-अलग बिजली दरों का प्रस्ताव लागू नहीं होने से उपभोक्ताओं को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादा खर्च का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, यह कदम राज्य सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जनता में सकारात्मक संदेश जाएगा और उनके प्रति सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक बनेगा।

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