सरकार का बयान
गुरुवार को बिहार विधान परिषद में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यह जानकारी दी कि राज्य में कोई नया जिला, प्रमंडल, अनुमंडल या प्रखंड नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के पास फिलहाल इस तरह के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है। मंत्री का यह बयान उस समय आया जब राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सदस्य कुमार नागेंद्र और उर्मिला ठाकुर ने अलग-अलग गैर सरकारी संकल्प प्रस्तुत किए थे, जिनमें नए जिलों या अनुमंडलों के गठन की मांग की गई थी।
पश्चिम चंपारण और बगहा के लोगों को झटका
कुछ समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश सरकार पश्चिम चंपारण जिले के बगहा क्षेत्र को अलग कर एक नया जिला बनाने की घोषणा कर सकती है। बगहा जिले के लोग लंबे समय से इसे जिला बनाने की मांग कर रहे हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस मामले पर संकेत दिए थे। हालांकि, अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव से पहले किसी नए जिले के गठन का प्रस्ताव नहीं है। इससे बगहा के निवासियों को बड़ा झटका लगा है, जो लंबे समय से इस दिशा में उम्मीद लगाए बैठे थे।
चुनावी वर्ष में प्रशासनिक बदलाव का जोखिम
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनावी साल में नए जिलों और प्रशासनिक क्षेत्रों का गठन एक संवेदनशील मुद्दा हो सकता है। यदि कोई नया जिला या प्रमंडल बनाया जाता है, तो इससे राज्य के राजनीतिक समीकरण पर असर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार ने इस संवेदनशील मुद्दे से बचते हुए प्रशासनिक बदलाव की संभावना को खारिज किया है। चुनाव के बाद किसी भी संभावित बदलाव को लेकर फैसला लिया जा सकता है, जब राजनीतिक दबाव कम हो और सभी पक्षों का समर्थन हासिल किया जा सके।
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