यूपी में आउटसोर्स कर्मियों को लेकर 4 बड़ी खबर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मियों की स्थिति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद राज्य सरकार आउटसोर्सिंग कंपनियों की जगह अब खुद आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती करेगी। इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रमोशन, इंक्रीमेंट और सोशल सिक्योरिटी के मुद्दों पर भी नई दिशा-निर्देशों की योजना बनाई जा रही है। 

1 .आउटसोर्सिंग कंपनियों का बाहर होना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अब यूपी के सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग कंपनियों का रोल समाप्त होगा। इसका मतलब है कि सरकार खुद आउटसोर्स कर्मियों की भर्ती करेगी, न कि किसी निजी एजेंसी के माध्यम से। इससे सरकारी नौकरी के लिए इच्छुक लोगों को सीधे तौर पर सरकार से जुड़े अवसर मिलेंगे, और सरकारी विभागों में नियुक्तियों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी भी बढ़ेगी।

2 .आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती निगम का गठन

सरकार इस नए बदलाव के तहत एक 'आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती निगम' (Outsourcing Employee Recruitment Corporation) का गठन करने जा रही है। इस निगम का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति, प्रमोशन और सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करना है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है और इसके लागू होने के बाद आउटसोर्स कर्मियों को सीधे तौर पर सरकारी विभागों में नौकरी मिल सकेगी, जिससे उनके अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।

3 .प्रमोशन और इंक्रीमेंट का कोई प्रवधान नहीं 

आउटसोर्स कर्मियों के पास प्रमोशन का कोई ठोस प्रावधान नहीं होता है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय और भत्तों में समय-समय पर वृद्धि की जाएगी। सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के आर्थिक लाभ को बेहतर बनाने के लिए उन्हें विभिन्न भत्तों और इंक्रीमेंट का लाभ देगी। यह कदम कर्मियों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उठाया जा रहा है।

4 .सोशल सिक्योरिटी और बीमा का लाभ 

आउटसोर्स कर्मियों के लिए सरकार अब सोशल सिक्योरिटी के उपायों पर भी जोर देगी। उनका पीएफ (Provident Fund) कटेगा, साथ ही उनका स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा भी होगा। इससे न केवल आउटसोर्स कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनका स्वास्थ्य और जीवन भी सुरक्षित रहेगा।

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