यूपी के सभी 75 जिलों में ये सब्सिडी स्कीम लागू!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में अब किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। पहली बार, राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू कर दी गई है, जिससे किसानों को अब पहले से कहीं अधिक लाभ मिलेगा। यह योजना 2025-26 के वित्तीय वर्ष में लागू की गई है, और इससे राज्य के सभी किसान अब सरकारी सहयोग प्राप्त कर सकेंगे।

क्या है राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन योजना?

यह योजना भारतीय सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और बागवानी से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देना है। पहले यह योजना केवल 45 जिलों में लागू थी, लेकिन अब इसे प्रदेश के 75 जिलों तक बढ़ा दिया गया है। इससे उन जिलों के किसानों को भी लाभ मिलेगा, जो पहले इस योजना से वंचित थे।

योजना का उद्देश्य और किसानों को मिलने वाला लाभ

इस योजना के तहत, किसानों को मशरूम के अलावा कई अन्य फसलें उगाने का मौका मिलेगा। इनमें आलू, अदरक, लिची, स्ट्राबेरी, शहद, शिमला मिर्च, टमाटर और आयुर्वेदिक औषधियों की पैदावार शामिल है। किसानों को न सिर्फ इन फसलों के उत्पादन के लिए अनुदान मिलेगा, बल्कि उन्हें तकनीकी मदद और मार्केटिंग सहायता भी प्रदान की जाएगी, ताकि वे अपने उत्पादों को अच्छे दामों पर बेच सकें।

नई गाइडलाइन के तहत किसे मिलेगा अनुदान?

2025-26 के लिए, इस योजना के तहत किसानों को अब पहले से अधिक सब्सिडी मिलेगी। पहले जहां मशरूम उत्पादन के लिए एक यूनिट की अधिकतम लागत 20 लाख रुपये तक थी, अब इसे बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दिया गया है। इसमें किसान को 40 फीसदी तक अनुदान मिलेगा। इससे बड़े पैमाने पर काम करने वालों को तो फायदा होगा ही, साथ ही अब छोटे पैमाने पर भी काम करने वाले किसानों के लिए भी इस योजना में सहयोग की व्यवस्था की गई है।

छोटे किसानों के लिए इस स्किम से खास राहत

पहली बार छोटे किसानों के लिए भी यह योजना खुली है। अगर कोई किसान 200 वर्ग फीट (20x10 फीट) क्षेत्र में मशरूम इकाई लगाना चाहता है, तो उसे 2 लाख रुपये तक की लागत पर 1 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। यह एक ऐतिहासिक निर्णय है, क्योंकि पहले इस योजना का लाभ केवल बड़े पैमाने पर काम करने वाले किसानों तक सीमित था।

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