आचार्य पांडे बताते हैं कि रोजाना सुबह खाली पेट पत्थरचट्टा की दो ताज़ी पत्तियों का सेवन करने से कुछ ही दिनों में पथरी छोटे-छोटे कणों में टूटकर पेशाब के रास्ते बाहर निकल सकती है। उन्होंने कहा कि यह नुस्खा खास तौर पर उन लोगों के लिए कारगर है जिनकी पथरी अभी छोटी है और ऑपरेशन की नौबत नहीं आई है।
क्या है पत्थरचट्टा?
पत्थरचट्टा एक आयुर्वेदिक पौधा है जिसे कई क्षेत्रों में “अरण्यक” या “गर्भपत्री” भी कहा जाता है। इसकी पत्तियों में ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जो पथरी को धीरे-धीरे गलाने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में इस पौधे का उपयोग सदियों से किडनी की बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है।
कैसे करें इस्तेमाल?
सुबह खाली पेट 2 पत्तियों को अच्छी तरह धोकर चबाएं या पत्तियों का रस निकालकर 1 चम्मच पी सकते हैं। बेहतर परिणाम के लिए इसे 15 से 30 दिन तक लगातार लें
विशेष सावधानी:
इसका सेवन शुरू करने से पहले किसी आयुर्वेदाचार्य या विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें, खासकर अगर पथरी का साइज बड़ा हो या बार-बार संक्रमण हो रहा हो।
भारत में बढ़ती पथरी की समस्या
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लाखों लोग पथरी की समस्या से जूझते हैं, और इनमें से अधिकांश को सर्जरी करानी पड़ती है। ऐसे में अगर यह प्राकृतिक तरीका कारगर सिद्ध होता है, तो यह न केवल किफायती है बल्कि साइड इफेक्ट्स से भी बचाव करता है।
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