भारत के सामने कितनी देर टिक पाएगा पाकिस्तान!

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को लेकर चर्चा एक बार फिर गर्म हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत को दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति बताया गया है, वहीं पाकिस्तान 12वें स्थान पर है। सवाल उठता है – अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती है तो कौन टिकेगा कितनी देर?

भारतीय सेना – एक नजर में ताकत

भारत के पास आज के दौर में 14.55 लाख सक्रिय सैनिक, 11.55 लाख रिजर्व फोर्स, और 25 लाख से ज्यादा पैरामिलिट्री बल हैं। भारत का डिफेंस बजट इस साल 681,210 करोड़ रुपये रहा है, जो करीब 77.4 अरब डॉलर बैठता है। भारत के पास 4,614 टैंक, 1.5 लाख से ज्यादा बख्तरबंद वाहन, और अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल व पिनाका रॉकेट सिस्टम जैसे हथियार मौजूद हैं।

वहीं, भारतीय वायुसेना के पास कुल 2,229 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें से 600 फाइटर जेट और 899 हेलीकॉप्टर हैं। राफेल, सुखोई-30, मिराज-2000 जैसे आधुनिक फाइटर जेट भारत की हवा से हमला करने की ताकत को और मजबूत करते हैं। जबकि, ताकत के मामले में नौसेना भी कम नहीं—150 युद्धपोत, 18 पनडुब्बियां और दो एयरक्राफ्ट कैरियर (INS विक्रमादित्य और INS विक्रांत) भारत को समुद्री मोर्चे पर मजबूती प्रदान करते हैं।

पाकिस्तान की स्थिति कैसी है?

पाकिस्तान की सक्रिय सैन्य ताकत करीब 6.54 लाख सैनिकों की है। पाकिस्तान के पास 1,399 एयरक्राफ्ट, जिनमें 328 फाइटर जेट और 57 अटैक हेलीकॉप्टर शामिल हैं। पाकिस्तान के पास चीनी JF-17 और J-10C जैसे फाइटर जेट हैं, जिनकी तुलना भारत के राफेल से की जाती है, लेकिन इनकी युद्ध में परख अभी बाकी है। वहीं, थलसेना में पाकिस्तान के पास 3,742 टैंक हैं और कुछ 50,000 के आसपास बख्तरबंद वाहन। वहीं नौसेना के पास 8 पनडुब्बियां तो हैं, लेकिन कोई एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।

अगर युद्ध हुआ तो...?

सैन्य विशेषज्ञों की मानें तो युद्ध की स्थिति में भारत का पलड़ा साफ तौर पर भारी रहेगा। भारत के पास न सिर्फ संसाधन ज्यादा हैं, बल्कि उसके हथियारों की मारक क्षमता भी पाकिस्तान से कहीं अधिक है। ब्रह्मोस मिसाइल और राफेल जैसे प्लेटफॉर्म पाकिस्तान के एयर डिफेंस और हथियार भंडार को शुरुआती हमले में ही ध्वस्त करने में सक्षम हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान के पास एक सप्ताह से ज्यादा की युद्ध लड़ने की क्षमता नहीं है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई है, और युद्ध की स्थिति में उसके लिए लंबे समय तक मोर्चा संभालना मुश्किल हो जाएगा।

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