अपात्रों के नाम सूची से होंगे बाहर
राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे इस सत्यापन अभियान के तहत ऐसे लाभार्थियों को सूची से हटाया जाएगा जो अब योजना के पात्र नहीं हैं या जिनकी मृत्यु हो चुकी है। 25 मई तक सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ ही, हर गांव के 25 सबसे निर्धन परिवारों के बुजुर्गों को इस योजना में शामिल किया जाएगा, ताकि उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सके।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग प्रक्रिया
समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार बुजुर्गों की सुरक्षा, सम्मान और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन वृद्धजनों की वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये से कम है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह सत्यापन बीडीओ के माध्यम से और शहरी क्षेत्रों में एसडीएम के जरिए कराया जाएगा।
पेंशन वितरण में पारदर्शिता पर जोर
सत्यापन प्रक्रिया की शुचिता बनाए रखने के लिए मंडलीय उप निदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों को 10 प्रतिशत डाटा का क्रॉस वेरिफिकेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, "जीरो पावर्टी" अभियान के अंतर्गत भी गरीब बुजुर्गों को पेंशन योजना से जोड़ने की कार्रवाई जारी है।
जून से मिलनी शुरू होगी पेंशन की पहली किश्त
सत्यापन में पात्र पाए जाने वाले लाभार्थियों को जून महीने से पहली किश्त के रूप में पेंशन दी जाएगी। इस योजना के तहत हर पात्र वृद्धजन को प्रति माह 1,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और बैंक खातों को लिंक करने की प्रक्रिया को अनिवार्य किया है, ताकि कोई व्यक्ति एक से अधिक पेंशन का लाभ न ले सके। एकीकृत पोर्टल के माध्यम से भुगतान प्रणाली को और भी अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया गया है।
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