अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई
सर्वे के दौरान सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के लिए सख्त गाइडलाइंस जारी की गई हैं। विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर कब्जा करके उसे अपनी निजी संपत्ति समझता है, तो उसे किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि गैरमजरूआ आम (सामान्य) जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसका मालिकाना हक हमेशा सरकार के पास रहेगा। यदि किसी ने ऐसी जमीन पर कब्जा किया है, तो उसे तत्काल खाली कराना पड़ेगा।
प्रत्येक गांव में सरकारी जमीन की पहचान
सभी गांवों में सरकारी जमीन को चिह्नित किया जा रहा है और उसकी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को भेजी जा रही है। इस प्रक्रिया में, अंचल कार्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर प्रत्येक गांव की सरकारी जमीन का विवरण तैयार किया जा रहा है। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के अनुसार, जिन जमीनों पर कब्जा है और वहां जमाबंदी चल रही है, उन जमीनों का सत्यापन अंचल कार्यालय करेगा। यदि कागजात में कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उस जमाबंदी को रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
सर्वे रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों द्वारा सरकारी जमीनों की जांच की जाएगी। यह जानकारी सुनिश्चित करेगी कि कौन सी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है और किसे सरकारी जमीन से संबंधित अधिकार प्राप्त हैं। अब तक सरकारी जमीन पर कब्जे के मामलों में केवल विवाद या अतिक्रमण की स्थिति में ही कार्रवाई की जाती रही थी। लेकिन अब, विभाग के नए निर्देशों के तहत हर पंचायत में सरकारी जमीन की पैमाइश करवाई जाएगी और सभी कब्जों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
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