निजी स्कूलों से आगे बढ़ता शिक्षा तंत्र
अब तक समर कैंप जैसी रचनात्मक पहलें सिर्फ निजी विद्यालयों तक ही सीमित थीं। लेकिन अब सरकार ने परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को भी वही मंच देने की कोशिश की है, जिससे वे भी छिपी प्रतिभाओं को पहचान सकें और सीखने की प्रक्रिया को आनंदमय बना सकें।
समर कैंप की प्रमुख गतिविधियाँ
इन कैंपों में बच्चों को न सिर्फ शैक्षिक रूप से, बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी विकसित करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ कराई जाएंगी, जैसे: फाउंडेशनल लिट्रेसी और न्यूमेरेसी (FLN) आधारित खेल, जीवन कौशल (Life Skills), व्यक्तित्व विकास (Personality Development), योग और खेलकूद, विज्ञान और तकनीक आधारित प्रयोग, कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि।
पोषण और स्वास्थ्य का भी ध्यान
बच्चों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन के अंतर्गत गुड़ की चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी जैसी पौष्टिक चीजें भी दी जाएंगी, जिससे न केवल उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाएगा बल्कि स्थानीय खाद्य परंपराओं को भी बढ़ावा मिलेगा।
बजट और प्रभाव
इस पूरी योजना पर सरकार लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिससे स्पष्ट है कि सरकार प्राथमिक शिक्षा और बच्चों के समग्र विकास को लेकर गंभीर है। यह कदम बच्चों में सीखने की ललक बढ़ाने, विद्यालयों की उपस्थिति सुधारने, और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एक मजबूत आधार बनेगा।
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