आर्थिक शक्ति में तेज़ी से वृद्धि
भारत की अर्थव्यवस्था पिछले दशक में एक अभूतपूर्व वृद्धि से गुजर चुकी है। इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के अनुसार, भारत की GDP बीते दशक में 105% बढ़ी है। वर्ष 2015 में भारत की GDP 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जो आज 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच चुकी है। यह वृद्धि दर दुनिया में सबसे तेज़ है और यह भारत की आर्थिक ताकत को साबित करती है। भारत की अर्थव्यवस्था ने इस दौरान न केवल अपनी ताकत को बढ़ाया है, बल्कि वैश्विक व्यापार में अपनी भूमिका को भी मजबूत किया है।
2025 तक, भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। जापान की GDP अभी 4.4 ट्रिलियन डॉलर है, और IMF के अनुमान के अनुसार, भारत की वृद्धि की रफ्तार यदि इस गति से जारी रही, तो 2027 तक भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, क्योंकि यह भारत को वैश्विक व्यापार और निवेश में एक और महत्वपूर्ण खिलाड़ी बना देगा।
मिलिट्री पावर में बढ़ता दबदबा
भारत की सैन्य ताकत भी पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है। भारत आज सैन्य ताकत के मामले में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी शक्ति बन चुका है। दुनिया के प्रमुख सैन्य ताकतों के साथ भारत की तुलना की जाए, तो उसकी तैयारियां, तकनीकी उन्नति और सामरिक रणनीतियाँ उसे एक मजबूत रक्षा स्थिति में रखते हैं। भारत की सैन्य ताकत का विस्तार, विशेषकर रणनीतिक मिसाइल रक्षा प्रणाली, एयरफोर्स, नेवी और आर्टिलरी में हो रहा है, जो उसे वैश्विक मंच पर और अधिक प्रभावी बनाता है।
भारत ने अपनी रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे अत्याधुनिक हथियारों का अधिग्रहण, सैन्य बलों का आधुनिकीकरण, और भारत के पड़ोसी देशों के साथ कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने के प्रयास। इसके अलावा, भारत की सैन्य ताकत क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिससे वह अपनी शक्ति को और अधिक स्थापित कर रहा है।
बढ़ते वैश्विक प्रभाव और कूटनीतिक कदम
भारत की बढ़ती शक्ति केवल आर्थिक और सैन्य ताकत तक सीमित नहीं है, बल्कि उसकी कूटनीतिक प्रभावशीलता भी बढ़ी है। भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की बढ़ती भागीदारी, जैसे G20, BRICS, और UN, यह दर्शाता है कि भारत अब विश्व राजनीति में एक निर्णायक खिलाड़ी बन चुका है।
भारत की कूटनीतिक नीतियां, जैसे 'गति' (अर्थात आर्थिक साझेदारी) और 'समुद्री सुरक्षा', उसे एक नए वैश्विक खिलाड़ी के रूप में प्रस्तुत कर रही हैं। साथ ही, भारत का बढ़ता सामरिक और वाणिज्यिक संबंध, खासकर अमेरिका, रूस, और जापान जैसे देशों के साथ, इसे एक महत्वपूर्ण शक्ति बना रहा है।
भविष्य में सुपरपावर बनने की दिशा
भारत की बढ़ती ताकत के संकेत केवल वर्तमान समय में ही नहीं बल्कि भविष्य में भी दिखाई दे रहे हैं। यदि भारत अपनी वर्तमान वृद्धि दर को बनाए रखता है, तो आने वाले दशक में वह न केवल एक आर्थिक और सैन्य शक्ति बनेगा, बल्कि एक राजनीतिक और सांस्कृतिक महाशक्ति के रूप में भी उभरेगा। भारत की युवा और गतिशील जनसंख्या, बढ़ती तकनीकी नवाचार, और वैश्विक स्तर पर उसका बढ़ता व्यापार उसे सुपरपावर बनने के रास्ते पर ले जाएगा।
भारत के पास ऐसे महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जिनकी मदद से वह अपनी अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, भारत का बढ़ता साइबर सुरक्षा क्षेत्र, उसकी अंतरिक्ष उपलब्धियाँ, और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में सक्रिय निवेश इसे और मजबूत बना रहे हैं।
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