जमीन की उपलब्धता बढ़ेगी, मकानों की कीमत होगी कम
राज्य सरकार का मानना है कि नई उपविधि से शहरी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर उपयोग संभव होगा, जिससे आवासीय परियोजनाओं की लागत में कमी आएगी और आम आदमी के लिए घर खरीदना ज्यादा आसान हो सकेगा। साथ ही, भूमि उपयोग की पारदर्शिता भी सुनिश्चित की जाएगी।
पार्किंग की समस्या का समाधान भी शामिल
भवन निर्माण के दौरान सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक, गाड़ियों की पार्किंग की समस्या को हल करने के लिए उपविधि में व्यावहारिक समाधान भी शामिल किए गए हैं। इससे भविष्य में ट्रैफिक और अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
व्यावहारिक मानकों पर आधारित निर्माण नीति
224 पृष्ठों में विस्तृत यह प्रस्तावित उपविधि व्यावहारिक जरूरतों और आधुनिक शहरी विकास की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। इसमें भवन निर्माण से जुड़े सभी मानकों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, ताकि निर्माण प्रक्रिया में किसी तरह की असमंजस या भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे।
15 दिन में मांगे गए सुझाव और आपत्तियाँ
इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी से पहले सार्वजनिक सुझावों के लिए रखा गया है। अगले 15 दिनों में आम नागरिक, बिल्डर्स, आर्किटेक्ट्स और अन्य हितधारक इस पर अपनी आपत्तियाँ और सुझाव दर्ज कर सकते हैं। भवन निर्माण उपविधि-2025 का पूरा मसौदा आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की वेबसाइट awas.upsdc.gov.in और आवास बंधु की वेबसाइट awasbandhu.in पर उपलब्ध है।
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