बिहार में गिट्टी-बालू भंडारण के लिए नया नियम लागू

पटना: बिहार सरकार के खनन विभाग ने गिट्टी, बालू, मिट्टी तथा अन्य खनिज पदार्थों के भंडारण को नियंत्रित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक नया निर्देश जारी किया है। इस निर्देश के अनुसार, अब राज्य के सभी खनिज व्यापारियों को ‘के-लाइसेंस’ (K-License) प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

नियमों की मुख्य बातें

जिला खनिज पदाधिकारी सचिन प्रकाश ने जानकारी दी कि जिले के सभी छोटे-बड़े खनिज विक्रेताओं को, जो गिट्टी, बालू, मिट्टी या अन्य खनिज का भंडारण करते हैं, उन्हें अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा। इस कदम का उद्देश्य खनिज पदार्थों की अवैध ढुलाई और कालाबाजारी पर नियंत्रण पाना है।

छोटे व्यापारियों के लिए नियम:

25,000 घन फुट तक भंडारण करने वाले व्यापारियों को सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा। इन्हें के-लाइसेंस के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा।

बड़े व्यापारियों के लिए नियम:

1 लाख से 10 लाख घन फुट तक भंडारण करने वाले व्यापारियों को वृहद व्यवसायी की श्रेणी में रखा गया है। इन्हें अपने भंडारण स्थल पर स्वंय का धर्म कांटा (वजन मापक यंत्र) और सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। ऐसे व्यवसायियों को 2 लाख रुपये प्रति 5 वर्ष के हिसाब से लाइसेंस शुल्क जमा करना होगा।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:

गिट्टी-बालू का भंडारण करने वाले इच्छुक व्यवसायी बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग की आधिकारिक वेबसाइट खननसाफ्ट.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज:

चालान की मूल प्रति (लाइसेंस शुल्क की), आधार कार्ड, चरित्र प्रमाण पत्र, जीएसटी पंजीकरण और अद्यतन भुगतान स्थिति, जमीन सत्यापन प्रतिवेदन, जमीन के स्वामित्व/किरायानामा से संबंधित दस्तावेज। 

निर्देशों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई:

खनन विभाग ने स्पष्ट किया है कि नियमों का पालन नहीं करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस नियम का उद्देश्य न केवल राजस्व की पारदर्शिता बढ़ाना है, बल्कि खनिज संपदा के संरक्षण की दिशा में भी यह एक अहम कदम है।

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