उत्तर प्रदेश में कुल 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) हैं, जो खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा प्रदान करते हैं। इन विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए इस टास्क फोर्स का गठन किया गया है, ताकि छात्राओं को न केवल बेहतर शिक्षा मिल सके, बल्कि उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार हो सके।
समग्र शिक्षा के उप शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य समय-समय पर विद्यालयों में शिक्षा की स्थिति की जांच करना और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के पिछड़े ब्लॉक क्षेत्रों में बालिकाओं को मुफ्त आवासीय सुविधा दी जा रही है। अब तक 388 कस्तूरबा विद्यालयों को इंटरमीडिएट तक उच्चीकृत किया जा चुका है, जबकि बाकी विद्यालयों में आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई कराई जाती है।
इस महीने के अंत या अगले महीने के पहले सप्ताह में टास्क फोर्स द्वारा इस जांच प्रक्रिया की शुरुआत की जाएगी। जांच में यह देखा जाएगा कि अप्रैल महीने में प्रत्येक शिक्षक ने पाठ्यक्रम का कितना हिस्सा पढ़ाया और क्या छात्राओं को वह समझ में आ रहा है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यालयों में तैनात शिक्षक और वार्डन अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रहे हैं या नहीं।
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