बता दें की यह सेवा राजस्व परिषद की आधिकारिक वेबसाइट bor.up.nic.in पर उपलब्ध है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान ऑनलाइन आवेदन कर त्रुटिपूर्ण अंशों में संशोधन के लिए अनुरोध भेज सकते हैं। साथ ही साथ खतौनी में सुधार कर सकते हैं।
राजस्व परिषद के अधिकारियों के अनुसार, इस नई व्यवस्था से न केवल किसानों को समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। अब तक खतौनी में नाम, क्षेत्रफल या हिस्सेदारी से संबंधित त्रुटियों को ठीक कराने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिसमें अक्सर कई महीनों का समय लग जाता था।
कैसे करें ऑनलाइन संशोधन के लिए आवेदन?
1 .सबसे पहले राजस्व परिषद की वेबसाइट bor.up.nic.in पर जाएं।
2 .'भूलेख खतौनी अंश सुधार' पोर्टल पर क्लिक करें।
3 .मांगी गई जानकारी भरें जैसे – जिले का नाम, तहसील, गांव, गाटा संख्या आदि।
4 .त्रुटिपूर्ण विवरण को चिन्हित करें और सही जानकारी प्रदान करें।
5 .आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।
6 .एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, उसका स्टेटस ऑनलाइन ही ट्रैक किया जा सकता है।
किसानों को मिली बड़ी राहत
कृषक संगठनों ने इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से भूमि अभिलेखों में गलतियां किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई थीं। ऑनलाइन अंश सुधार पोर्टल से अब यह प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और तेज हो गई है। इस डिजिटल पहल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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