करीब 240 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सौंपी गई है। परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) 270 दिनों के भीतर तैयार की जाएगी, जबकि इसका निर्माण कार्य वर्ष 2026 के अंत तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
तेजी से आगे बढ़ रहा है काम
सूत्रों के अनुसार, DPR तैयार करने के लिए योग्य एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक बार DPR बन जाने के बाद निर्माण की प्रक्रिया को स्वीकृति मिलते ही गति दी जाएगी। यह परियोजना केंद्र और राज्य सरकारों की प्राथमिकताओं में शामिल है।
परियोजना के मुख्य लाभ
1 .यात्रा में होगी बड़ी बचत: बक्सर से भागलपुर के बीच यात्रा में समय की बचत होगी और लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी।
2 .क्षेत्रीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा: इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण होने से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में सुविधा होगी।
3 .स्थानीय विकास को मिलेगा बल: रास्ते में पड़ने वाले जिलों और कस्बों को सीधे फायदा मिलेगा। इससे इन जिलों के विकास में तेजी आएगी।
4 .रोज़गार के अवसर: निर्माण और रखरखाव के दौरान हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
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