दिव्यांगजनों के लिए पेंशन योजना:
उत्तर प्रदेश सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहल दिव्यांग पेंशन योजना है। इस योजना के तहत राज्य सरकार प्रत्येक दिव्यांग को हर महीने 1000 रुपये की पेंशन प्रदान करती है। यह राशि हर तीन महीने में उनके बैंक खाते में जमा की जाती है, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता मिलती है। पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने में सहायता देना है, ताकि वे अपनी जिंदगी में आत्मनिर्भर बन सकें और उन्हें समाज में किसी प्रकार की भेदभाव का सामना न करना पड़े।
कौशल विकास योजनाएं:
दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई कौशल विकास योजनाएं भी शुरू की हैं। इन योजनाओं के तहत दिव्यांगजनों को उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जाता है। इससे उन्हें विभिन्न व्यावसायिक कौशल हासिल होते हैं, जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य है कि दिव्यांगजन किसी भी प्रकार के आर्थिक संकट से न जूझें और समाज में अपने कार्यों के माध्यम से सम्मान प्राप्त करें।
मनरेगा और रोजगार के अवसर:
उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा जैसे कार्यक्रमों के तहत दिव्यांगजनों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किए हैं। अब तक 1.24 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को रोजगार मिला है, जिससे उनकी जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है। मनरेगा में काम करने से दिव्यांगजनों को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि वे आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, सरकारी विभागों में दिव्यांगजनों को रोजगार देने के लिए विशेष पदों की व्यवस्था की गई है।
दिव्यांगजनों को शिक्षा का प्रोत्साहन:
उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठा रही है। विशेष विद्यालयों और संस्थाओं में दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा, दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्कॉलरशिप योजनाएं और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, ताकि वे अपने जीवन में उच्च शिक्षा हासिल कर सकें और किसी भी क्षेत्र में अपना स्थान बना सकें।
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