बिहार में इस जमीन से हटेगा अवैध कब्जा, तैयारी शुरू

पटना: बिहार सरकार ने राज्य में मठ और मंदिरों की जमीन की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब आम नागरिक भी यह जान सकेंगे कि किस मठ या मंदिर के पास कितनी जमीन है और वह जमीन कहां स्थित है। इसके लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है, जिसमें राज्यभर के सभी मठ-मंदिरों की जमीन का पूरा ब्योरा अपलोड किया जाएगा।

बता दें की इस पोर्टल के जरिए जमीन की चौहद्दी, लोकेशन, स्वामित्व और उपयोग जैसी अहम जानकारियां उपलब्ध होंगी। इससे न केवल जमीन पर अवैध कब्जा और अतिक्रमण पर रोक लगेगी, बल्कि पुजारी, सेवादार या अन्य व्यक्ति भी इस जमीन का गलत इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

अब जमीन की होगी निगरानी

इस पूरे सिस्टम की निगरानी स्थानीय प्रशासन के जिम्मे होगी। जमीन की बिक्री या किसी भी तरह के हस्तांतरण की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और जमीन से जुड़े विवादों पर भी रोक लगेगी।

पंजीकरण अनिवार्य,

बिहार सरकार ने सभी मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। इन संस्थानों को अपनी अचल संपत्तियों का ब्योरा बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) को देना जरूरी होगा।

आंकड़ों पर एक नजर:

राज्य में कुल 5,777 मठ-मंदिर हैं।

इनके पास कुल 28,672 एकड़ जमीन है।

पंजीकृत 2,499 मठ-मंदिरों के पास हैं 18,456 एकड़ जमीन।

वहीं गैर-पंजीकृत 2,512 मठ-मंदिरों के पास हैं 4,321 एकड़ जमीन।

सरकार की यह पहल लंबे समय से जारी विवादों और जमीन घोटालों को रोकने की दिशा में अहम मानी जा रही है। पोर्टल तैयार करने के लिए राजस्व विभाग ने विधि विभाग से सहमति भी मांगी है। पिछले कुछ वर्षों में मठ और मंदिरों की जमीनों पर अवैध कब्जा, गलत तरीके से बिक्री और उपयोग की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इससे न केवल धार्मिक संस्थानों की संपत्तियों को नुकसान हो रहा था, बल्कि इससे सामाजिक विवाद भी बढ़ रहे थे। अब सरकार की इस पहल से धार्मिक स्थलों की संपत्ति की पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जाएगी।

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