दो साल की देरी, अब सफर नई रफ्तार से
करीब दो साल की देरी के बाद, GE एयरोस्पेस ने इस डील का पहला इंजन HAL को डिलीवर कर दिया है। यह इंजन विशेष रूप से तेजस एलसीए एमके-1ए के लिए तैयार किया गया है, जिसमें हाई थ्रस्ट क्षमता और आधुनिक तकनीकी विशेषताएं शामिल हैं। यह वही इंजन है जो पहले से ही तेजस के ट्रेनर वेरिएंट में इस्तेमाल हो रहा है।
83 विमानों का सौदा और 99 इंजनों का ऑर्डर
भारत सरकार ने 2021 में भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपये के बड़े रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इसी के तहत HAL ने GE एयरोस्पेस को 99 F404-IN20 इंजनों का ऑर्डर दिया था। GE एयरोस्पेस पहले ही HAL को 65 F404-IN20 इंजन सौंप चुका है, जो तेजस के शुरुआती वेरिएंट्स में लगाए गए थे। नए ऑर्डर के तहत अब इंजन का उत्पादन फिर से शुरू किया गया है।
तेजस के प्रदर्शन की पहले ही हो चुकी है पुष्टि
F404-IN20 इंजन का प्रदर्शन 2008 में तेजस एलसीए के उड़ान परीक्षण के दौरान मैक 1.1 (ध्वनि की गति से तेज़) की गति प्राप्त कर साबित किया जा चुका है। यह इंजन भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन किया गया है और इसके आने से तेजस की क्षमताएं और अधिक घातक और भरोसेमंद बनेंगी।
GE-414 इंजन की ओर अगला कदम
तेजस एमके-1ए में जहां F404-IN20 इंजन लगाया जा रहा है, वहीं भारत और अमेरिका अब GE-414 इंजन को भारत में बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। यह इंजन तेजस के उन्नत वेरिएंट्स, जैसे एमके-2 और भविष्य के फाइटर जेट्स में इस्तेमाल किया जाएगा।
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