Astra Mk-2 एक स्वदेशी एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसे खासतौर पर उच्च गतिशीलता वाले हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया है। इस मिसाइल में एडवांस्ड सीकर (Advanced Seeker) लगाया गया है, जो इसे जटिल इलेक्ट्रॉनिक युद्ध स्थितियों में भी सटीकता से काम करने में सक्षम बनाता है।
स्वदेशी तकनीक का कमाल:
अस्त्र Mk-2 पूरी तरह से भारत में विकसित की गई है और यह “मेक इन इंडिया” अभियान की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। इससे पहले भारतीय वायुसेना Astra Mk-1 का इस्तेमाल कर रही थी, जिसकी रेंज 80 से 110 किमी तक थी। Mk-2 की रेंज दोगुनी होने से अब भारतीय वायुसेना को लंबी दूरी से दुश्मन को खत्म करने की जबरदस्त क्षमता मिल गई है।
किससे जोड़ा जाएगा:
Astra Mk-1 को पहले ही Su-30MKI और स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमानों में इंटीग्रेट किया जा चुका है। अब रिपोर्ट्स की मानें तो Astra Mk-2 को भी इन्हीं विमानों में शामिल किया जाएगा, जिससे भारत की हवाई ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
खरीद की तैयारी शुरू:
रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय वायुसेना ने Astra Mk-2 की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके ट्रायल्स सफल रहे हैं और उम्मीद है कि आने वाले महीनों में इसे पूरी तरह से वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। इससे वायुसेना की ताकत में वृद्धि होगी।
तकनीकी विशेषताएं:
रफ्तार: 5556.6 किमी प्रति घंटा
वजन: 154 किलोग्राम
लंबाई: 12.6 फीट
व्यास: 7 इंच
ऊंचाई क्षमता: 66,000 फीट तक
मारक क्षमता (रेंज): 160 किमी
वॉरहेड: हाई एक्सप्लोसिव या प्री-फ्रैगमेंटेड एमएमएक्स
ऑपरेशन क्षमता: हर मौसम में, दिन और रात किसी भी समय
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