अभियान के आंकड़े (1 मार्च – 14 अप्रैल):
बिजली चोरी के मामले – 367 मामले पकड़े गए।
शमन शुल्क – लगभग ₹1 करोड़ वसूल किया गया।
नए कनेक्शन – 241 नए कनेक्शन दिए गए।
इस अभियान के दौरान, यूपी के करेली क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्रभावित पाया गया, जहां 127 मामले सामने आए। खासकर करैलाबाग डिवीजन के करेली इलाके में मीटरों में शंट लगाने के मामले भी पकड़े गए, जिनसे उपभोक्ताओं ने बिजली बिल कम करने की कोशिश की थी। शंट लगाने से मीटर की रीडिंग धीमी हो जाती है, और बिल बहुत कम आ जाता है। उदाहरण के तौर पर, जहां आमतौर पर 1000 रुपये का बिल आता, वहीं शंट के बाद सिर्फ 200 रुपये का बिल आता।
करेली क्षेत्र में बिजली चोरी पर विशेष ध्यान:
एसडीओ राजवीर कटारिया के नेतृत्व में करैलाबाग डिवीजन के करेली इलाके में सबसे अधिक बिजली चोरी के मामले सामने आए। इस क्षेत्र में 31 बाईपास से जुड़ी बिजली चोरी के मामले पकड़े गए। इन मामलों में मीटर में शंट लगाकर बिल कम करने की कोशिश की गई थी। लेकिन UPPCL की टीम ने सख्त कार्रवाई करते हुए इन मामलों को नाकाम कर दिया।
नए कनेक्शन के लिए जागरूकता:
इस अभियान का एक और बड़ा असर यह हुआ कि बड़ी संख्या में लोगों ने नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया। अभियान के कारण लोगों में बिजली चोरी के खिलाफ जागरूकता आई और वैध कनेक्शन लेने के लिए उन्होंने कदम बढ़ाया। 1.5 महीने में 241 नए कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि 400 से अधिक आवेदन अभी प्रक्रियाधीन हैं, जो आने वाले कुछ दिनों में पूरे हो जाएंगे।
UPPCL का सभी को संदेश जारी:
UPPCL ने इस अभियान के जरिए लोगों को यह संदेश दिया है कि बिजली का वैध उपयोग करें और चोरी न करें। बिजली चोरी न सिर्फ अपराध है, बल्कि यह समाज और उपभोक्ताओं के लिए भी नुकसानदेह है। बिजली चोरी के मामलों की रोकथाम के लिए UPPCL का यह अभियान समाज में जिम्मेदार उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।
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