खबर के अनुसार सरकार की ओर से शपथ पत्र और डेथ सर्टिफिकेट को लेकर राहत प्रदान की गई है। साथ ही साथ वंशावली बनाने के लिए भी लोगों को राहत मिली हैं ऑर्डर कहा गया हैं की वंशावली बनाने के लिए किसी एफिडेविट और सरपंच की मुहर की अनिवार्यता नहीं हैं।
बिहार में जमीन मालिकों के लिए 5 नए आदेश जारी?
1 .जमीन सर्वे के दौरान किसी पूर्वज की मृत्यु के मामले में उनका डेथ सर्टिफिकेट लाना जरूरी नहीं। बस मृत्यु की जानकारी देनी हैं।
2 .वंशावली बनाने के लिए किसी एफिडेविट और सरपंच की मुहर की अनिवार्यता को हटाया गया हैं। सिर्फ वंशावली को पपत्र-3 के जरिए जमा करना है।
3 .सर्वे में किसी प्रकार की गलती हो जाने के बाद आपत्ति दर्ज करने का मौका भी दिया जाएगा। इसमें सुधार के लिए तीन बार मौका मिलेगा।
4 .जिनके पास खतियान और मालिकाना हक से जुड़े कागजात नहीं होंगे। उन्हें तकरीबन एक साल का समय दिया जाएगा।
5 .शपथ-पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को फिलहाल खत्म कर दिया गया है। हालांकि, कई जिलों में वंशावली के साथ शपथ-पत्र भी लिया जा रह है। इसकी जानकारी सर्वे शिविर से प्राप्त करें।
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