खबर के अनुसार सर्वेक्षण के दौरान अमीन मौके पर भूखंडों की मापी कर नक्शे में उन्हें अलग-अलग करेंगे। इस दौरान भूस्वामी का जमीन पर रहना जरूरी होगा। विभाग ने जमीन की मापी की जिम्मेदारी किसानों को सौंपी हैं। साथ ही कई तरह के निदेश भी दिए हैं।
बता दें की स्वघोषणा के बाद अमीन जमीन की मापी करेंगे। इस दोआन जमीन रैयत को दखल कब्जा की जानकारी देनी होगी। दस्तावेजों के सत्यापन और जमीन की मापी के बाद रैयत का नया खतियान बनाया जायेगा। इस नये खतियान में खेसरा नंबर बदल जायेगा और प्लॉट का नक्शा भी मिलेगा।
यदि जमीन सर्वे में किसी तरह की कोई गलती होती हैं तो आप ठीक करने के लिए आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। गलती को ठीक करने के बाद अधिकारी फॉर्म 12 जारी करेंगे। इसमें भी त्रुटि हो तो फॉर्म 14 के माध्यम से दोबारा अपील का मौका मिलेगा। इसके बाद भी सुधार नहीं हो पाया तो फॉर्म 21 के माध्यम से अपील कर सकते हैं।
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