यूपी में प्राइवेट स्कूलों पर ₹1-1 का लाख का जुर्माना!

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) जिले में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिला प्रशासन ने जिले के 66 प्राइवेट स्कूलों पर ₹1-1 लाख का जुर्माना लगाया है। यह फैसला शुक्रवार को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित जिला शुल्क नियामक समिति की समीक्षा बैठक में लिया गया।

मनमानी फीस वसूली पर सख्ती

इस बैठक में कुल 144 स्कूलों द्वारा वर्ष 2024-25 में की गई फीस वृद्धि की समीक्षा की गई। जांच में पाया गया कि अमर पब्लिक स्कूल सेक्टर-37 नोएडा, पारस पब्लिक स्कूल मिल्क लिच्छी, और संत किशोरी विद्या मंदिर सेक्टर-158 नोएडा ने अनुमन्य 5% और सीपीआई से अधिक फीस वसूल की है। इन तीन स्कूलों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि वसूल की गई अतिरिक्त फीस तत्काल छात्रों को वापस की जाए।

66 स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया

वहीं, 66 ऐसे स्कूल चिन्हित किए गए जिन्होंने जिला शुल्क नियामक समिति को फीस वृद्धि का कोई विवरण प्रस्तुत नहीं किया। इन पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 के अंतर्गत ₹1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही, स्कूलों के संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय स्तर पर जांच समितियाँ गठित

इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जिले में 7 जांच समितियों का गठन किया गया है। सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा, उपजिलाधिकारी दादरी, सदर और जेवर, तथा संबंधित तहसीलदारों के नेतृत्व में ये टीमें कार्य करेंगी। इनका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी स्कूल द्वारा नियमों का उल्लंघन न किया जाए।

स्कूलों को देना होगा वेतन वृद्धि का विवरण

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी स्कूलों को अपने शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की वर्ष 2025-26 में प्रस्तावित वेतन वृद्धि का विवरण भी एक सप्ताह के भीतर जमा करना होगा। साथ ही, शुल्क वृद्धि की सूचना 60 दिन पहले स्कूल की वेबसाइट पर डालना अनिवार्य होगा।

अभिभावकों को नहीं दी जाएगी किताबें और ड्रेस खरीदने की बाध्यता

प्रशासन ने साफ किया है कि कोई भी विद्यालय अभिभावकों को स्कूल ड्रेस, किताबें, जूते, मोजे आदि खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो संबंधित विद्यालय के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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