एक माह का प्रारंभिक प्रशिक्षण – 17 जून से होगा
इससे पहले, 17 जून से सभी चयनित अभ्यर्थियों को जिलों में एक माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली की प्रारंभिक समझ दी जा सके। इसके बाद नौ माह का पूर्ण आधारभूत प्रशिक्षण शुरू होगा, जो उनके कौशल, अनुशासन और तकनीकी दक्षता को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
डीजीपी के निर्देश – मॉडर्न विषयों पर विशेष जोर
डीजीपी प्रशांत कुमार ने प्रशिक्षण व्यवस्था की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में तीन नए कानूनों (भारतीय न्याय संहिता, साक्ष्य अधिनियम और दंड संहिता), फॉरेंसिक साइंस, साइबर क्राइम जैसे अत्याधुनिक विषयों को शामिल करने पर विशेष बल दिया है।
यूपी के भीतर ही प्रशिक्षण की व्यवस्था
इस बार सभी अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश के भीतर स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में ही किया जाएगा। वर्तमान में 60,900 अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था प्रदेश स्तर पर की जा चुकी है। पहले प्रशिक्षण केंद्रों की सीमित क्षमता के चलते कुछ अभ्यर्थियों को अन्य राज्यों में भेजा जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
महिला अभ्यर्थियों की भागीदारी
गौरतलब है कि 13 मार्च 2025 को घोषित हुए अंतिम परिणाम में 12,048 महिला अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे आने वाले समय में पुलिस बल में लैंगिक संतुलन बेहतर होगा।
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