यह कार्रवाई उन शिक्षकों पर की गई है जो स्कूल समय पर नहीं पहुंचे और ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं की। जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) वीरेंद्र नारायण ने गुरुवार को इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि संबंधित शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, और यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ये शिक्षक कार्रवाई की जद में
इस कार्रवाई में हाजीपुर, भगवानपुर, जनदाहा, देसरी, बेलसर, महुआ, गरौल, पातेपुर, लालगंज, महनार, राजापाकर, सहदेई बुजुर्ग, राघोपुर और बिदुपुर प्रखंडों के शिक्षक शामिल हैं। स्थानीय स्तर पर इस कदम को मिलेजुले प्रतिक्रिया मिली है। एक ओर जहां कुछ शिक्षकों ने इसे कठोर बताया है, वहीं कई स्थानीय अधिकारियों और अभिभावकों ने इस निर्णय को शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक जरूरी कदम माना है।
अनुशासन की नई लकीर
DEO वीरेंद्र नारायण ने कहा, "समय की पाबंदी केवल शिक्षा विभाग के नियमों का पालन नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के हित में एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं आएंगे, तो विद्यार्थियों पर उसका बुरा असर पड़ता है।"
शिक्षकों को चेतावनी
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी समय पालन में कोताही बरतने पर इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग की निगरानी अब डिजिटल माध्यमों के ज़रिए और भी मजबूत की जा रही है, जिससे शिक्षकों की उपस्थिति और क्रियाकलापों पर वास्तविक समय में नज़र रखी जा सके। इस कार्रवाई ने शिक्षा व्यवस्था में एक बार फिर यह संदेश दे दिया है कि शैक्षणिक अनुशासन से समझौता नहीं किया जाएगा।
0 comments:
Post a Comment