यूपी आउटसोर्स सेवा निगम का गठन
प्रदेश सरकार 'यूपी आउटसोर्स सेवा निगम' का गठन कर रही है, जो कर्मचारियों, एजेंसियों और विभिन्न सरकारी विभागों के बीच एक वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगा। यह निगम केंद्रीयकृत मॉनिटरिंग सिस्टम और भुगतान व्यवस्था को सुनिश्चित करेगा, जिससे कर्मचारियों को समय से वेतन, छुट्टियां और अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ
सीएम योगी ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश के संविदा होमगार्ड, पीआरडी जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, अनुदेशक, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी, एएनएम, स्वच्छता कर्मी और अन्य संविदा कर्मियों को अब मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सालाना 5 लाख रुपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा दी जाएगी। इसके लिए इन कर्मचारियों का मुख्यमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान कार्ड भी बनवाया जाएगा।
वेतन 16 से 25 हजार तक, हर महीने
आउटसोर्स सेवा निगम की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसमें अलग-अलग श्रेणी के पदों के लिए ₹16,000 से ₹25,000 तक का वेतन प्रस्तावित है। यह वेतन कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता और कार्य स्वरूप के अनुसार तय किया जाएगा। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि हर महीने की पहली तारीख को वेतन सीधे बैंक खाते में पहुंच जाए।
ईपीएफ और ईएसआई की दिक्कतें होंगी दूर
अभी तक अक्सर यह शिकायत मिलती थी कि एजेंसियां कर्मचारियों का ईपीएफ या ईएसआई कटौती तो करती हैं, लेकिन उसका सही तरीके से लाभ नहीं मिलता। अब निगम इन सेवाओं की केंद्रीयकृत निगरानी व्यवस्था लागू करेगा, जिससे हर कर्मचारी का हिसाब साफ रहेगा और एजेंसियों की जवाबदेही भी तय होगी।
पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन से मिलेगा लाभ
निगम एक पोर्टल विकसित करेगा, जिसमें एजेंसियों और कर्मचारियों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कर्मचारी किसी भी सुविधा जैसे ईपीएफ, ईएसआई या चिकित्सा लाभ के लिए इसी पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे। संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर लाभ पहुंचाने की जिम्मेदारी सीधे निगम की होगी।
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