चार महीनों से बकाया थी मजदूरी
गौरतलब है कि 27 दिसंबर 2024 के बाद से ही राज्य में मनरेगा के तहत श्रमिकों को भुगतान नहीं मिल पा रहा था। हालांकि, श्रमिक नियमित रूप से कार्य कर रहे थे, लेकिन उन्हें वेतन के अभाव में गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अब जैसे ही राशि जारी की गई है, मजदूरी सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जा रही है।
राज्य सरकार ने लगातार किया था आग्रह
राज्य सरकार ने श्रमिकों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से कई बार निवेदन किया था कि शीघ्र ही बकाया भुगतान की राशि जारी की जाए। आखिरकार केंद्र ने राज्य सरकार की इस मांग को स्वीकार करते हुए यह बड़ी राशि मंजूर की है।
औसतन हर श्रमिक को मिलेंगे ₹17,000
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस जारी की गई राशि के माध्यम से हर श्रमिक को औसतन ₹17,000 की मजदूरी मिलेगी। वर्तमान में मनरेगा के तहत एक श्रमिक को प्रतिदिन ₹245 की मजदूरी मिलती है और एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 100 दिन तक काम दिया जाता है।
बता दें की इस 2102 करोड़ रुपये की राशि में से वर्गानुसार वितरण निम्न प्रकार से किया जाएगा: अनुसूचित जाति (SC) के श्रमिकों के लिए – ₹411 करोड़ 47 लाख, अनुसूचित जनजाति (ST) के श्रमिकों के लिए – ₹43 करोड़, जबकि अन्य वर्गों के श्रमिकों के लिए – ₹1646 करोड़ 88 लाख।
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