यूपी में कई संविदाकर्मियों को किया जाएगा बर्खास्त!

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। शनिवार को लखनऊ स्थित शक्ति भवन में हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने प्रदेशभर के संविदा और नियमित कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। खासकर उन इलाकों में, जहां ट्रांसफॉर्मर पर 70 प्रतिशत से अधिक लोड और 30 प्रतिशत से ज्यादा लाइन लॉस दर्ज किया गया है, वहां संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं।

कमजोर प्रदर्शन वाले क्षेत्रों में जिम्मेदारी तय

ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो कर्मचारी अपने कार्य में रुचि नहीं ले रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। जिन स्थानों पर कर्मचारियों की संख्या आवश्यकता से अधिक है, वहां उन्हें अन्य क्षेत्रों में समायोजित किया जाएगा ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके।

महत्वपूर्ण स्थलों पर बिजली कटौती नहीं

पर्यटन, धार्मिक व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर बिजली कटौती को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि मरम्मत कार्यों के लिए पीक आवर्स (उच्च मांग के समय) में किसी भी प्रकार का शटडाउन न लिया जाए, जिससे उपभोक्ताओं को असुविधा न हो।

बिजली चोरी पर सख्त कार्रवाई

बिजली चोरी को लेकर सरकार अब और भी सख्त हो गई है। मऊ जिले के कोपागंज क्षेत्र में हो रही बिजली चोरी की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए ऊर्जा मंत्री ने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिजली विभाग में अब किसी भी प्रकार की दलाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जनसुनवाई होगी नियमित

जनहित को प्राथमिकता देते हुए यह आदेश भी जारी किया गया है कि मुख्यालय स्तर पर मुख्य अभियंता स्तर का अधिकारी नियमित रूप से जनसुनवाई करे। इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन और एमडी को दी जाए। साथ ही, सभी डिस्कॉम के एमडी को भी निर्देशित किया गया है कि वे स्वयं उच्च लाइन लॉस वाले फीडरों की जांच करें और सुधार के लिए ठोस कदम उठाएं।

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