मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण की वजह से यह बड़ा बदलाव हो रहा है। इन मौसमी गतिविधियों के चलते बिहार के कई जिलों में तेज़ हवाएं, मेघगर्जन, हल्की से मध्यम बारिश (10 से 50 मिमी), ओलावृष्टि और वज्रपात की आशंका जताई गई है। हवाओं की रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है।
इन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक, जिन 17 जिलों में मौसम का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा, उनमें मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सहरसा, अररिया, दरभंगा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, खगड़िया और बेगूसराय शामिल हैं। विशेषकर पूर्वी और उत्तर-पूर्वी बिहार के इन जिलों में तेज़ आंधी के साथ वज्रपात की अधिक संभावना जताई गई है। कई इलाकों में ओले भी गिर सकते हैं जिससे किसानों की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी
IMD पटना के वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि यह बदलाव सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा, "यह एक सक्रिय मौसमी प्रणाली है जो पूरे राज्य पर असर डालेगी। खासकर शाम और रात के समय लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।" उन्होंने बताया कि इस दौरान बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसलिए लोगों को पेड़ के नीचे, खुले मैदानों या बिजली के खंभों के पास खड़ा नहीं होना चाहिए।
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