भारत की 1 नई मिसाइल, आधी दुनिया टारगेट रेंज में!

नई दिल्ली: भारत की रक्षा क्षमताओं में लगातार हो रहे उन्नयन के साथ भारतीय नौसेना अब एक नई मिसाइल से लैस होने जा रही है, जो देश की समुद्री सुरक्षा को पूरी तरह से नए स्तर पर ले जाएगी। इस मिसाइल का नाम है K-5, जो कि एक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है और इसे विशेष रूप से भारतीय पनडुब्बियों के लिए डिज़ाइन किया गया है।

K-5 मिसाइल की विशेषताएँ:

K-5 एक लंबी दूरी की सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है जिसे भारतीय रक्षा एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह मिसाइल 2000 किलोग्राम तक वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है, जिसमें पारंपरिक या परमाणु वॉरहेड शामिल हो सकते हैं। वर्तमान में इसकी रेंज लगभग 5,000 से 6,000 किलोमीटर तक बताई जा रही है, लेकिन हल्के वॉरहेड के साथ इसकी रेंज 8,000 से 9,000 किलोमीटर तक जा सकती है।

भारत की समुद्री शक्ति में इजाफा:

K-5 मिसाइल के आने के बाद भारतीय नौसेना की समुद्री ताकत में बेमिसाल वृद्धि होगी। यह मिसाइल अरिहंत क्लास और एस-5 क्लास परमाणु पनडुब्बियों में तैनात की जाएगी, जो भारत के सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) के कार्यक्रम का हिस्सा हैं। इन पनडुब्बियों के जरिए K-5 मिसाइल को हिंद महासागर के भीतर से लॉन्च किया जा सकेगा, जिससे यह समुद्र के माध्यम से लगभग पूरे चीन, पाकिस्तान, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, रूस, मिडिल ईस्ट और यूरोप को निशाना बना सकती है।

चीन और पाकिस्तान के लिए खतरा:

K-5 मिसाइल की विशेषता यह है कि इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना द्वारा चीन और पाकिस्तान की प्रमुख शहरी और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। इसकी लंबी रेंज इसे समंदर में रहते हुए इन देशों के सभी प्रमुख शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की क्षमता देती है। विशेषकर, अगर इसे हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में मौजूद पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाता है, तो पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है।

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