उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए नौकरी का बड़ा मौका सामने आ रहा है। प्रदेश सरकार प्रदूषण नियंत्रण के मोर्चे को और मजबूत करने जा रही है। इसी दिशा में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के काडर का लगभग 30 साल बाद पुनर्गठन किया जा रहा है। इस कवायद के तहत 200 से अधिक नए पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
दरअसल, बोर्ड का काडर वर्ष 1995 के बाद से अब तक नहीं बदला गया, जबकि इस बीच बोर्ड के कामकाज में कई गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। जहां 1995 में केवल 7,000 उद्योग पंजीकृत थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 55,000 से अधिक हो चुकी है। इसके बावजूद मौजूदा समय में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों संवर्गों में करीब 46 फीसदी पद खाली पड़े हुए हैं, जिससे बोर्ड के कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
बढ़ते प्रदूषण और औद्योगिकीकरण की चुनौतियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में राज्य के सभी 75 जिलों में बोर्ड के कार्यालय खोले जाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, प्रदेश में केवल 28 जिलों में ही कार्यालय मौजूद हैं, जो पूरे राज्य का काम देख रहे हैं।
बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, नई भर्तियों और काडर पुनर्गठन का खाका तैयार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में तकनीकी विशेषज्ञ, पर्यावरण वैज्ञानिक, निरीक्षक, और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही, नए सेल गठित किए जाएंगे, ताकि प्रदूषण नियंत्रण के कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
यह कदम न केवल प्रदेश के पर्यावरणीय हालात को सुधारने की दिशा में अहम साबित होगा, बल्कि बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा। सरकार की इस पहल से यह स्पष्ट है कि अब पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गंभीर और दीर्घकालिक रणनीति अपनाई जा रही है। आने वाले समय में यूपीपीसीबी राज्य में प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में एक सशक्त और आधुनिक संस्था बनकर उभरेगा।
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